खाने के तेल ने बिगाड़ा जायका, 30% तक महंगा हो गया 1 लीटर तेल
Edible oil price; सब्जी के बाद अब खाने के तेल की कीमतें (Edible oil price) भी बढ़ गई हैं. 1 साल में देखा जाए तो इनमें 30 फीसदी तक उछाल दर्ज किया गया है.
मूंगफली, सरसों और वनस्पती की कीमतों में भी उछाल आया है. (Reuters)
मूंगफली, सरसों और वनस्पती की कीमतों में भी उछाल आया है. (Reuters)
Edible oil price; सब्जी के बाद अब खाने के तेल की कीमतें (Edible oil price) भी बढ़ गई हैं. 1 साल में देखा जाए तो इनमें 30 फीसदी तक उछाल दर्ज किया गया है. सोयाबीन, सूरजमुखी के तेल का दाम भी आसमान पर है. इसी तरह मूंगफली, सरसों और वनस्पती की कीमतों में भी उछाल आया है.
क्या है कारण (Price hike reason)
भारत में पाम ऑयल का आयात होता है लेकिन Lockdown के कारण मलेशिया जैसे देशों में इसका प्रोडक्शन घट गया है. इसके साथ ही बीज के दाम भी बढ़े हैं. हालांकि सरकारी स्तर पर प्राइस पर नियंत्रण के प्रयास हो रहे हैं. अगर कीमतें और ज्यादा बढ़ीं तो सरकार इन पर काबू के उपाय करेगी. फिलहाल सरकार इस पर निगाह बनाए हुए है.
सितंबर से चढ़े दाम (Cooking oil prices)
बताते चलें कि सितंबर में खाद्य तेल जैसे पामोलीन तेल और सोयाबीन तेल की कीमतों में करीब 15 फीसदी तक कि बढ़ोतरी देखने को मिली थी. दूसरी तरफ सरसों के तेल और सनफ्लॉवर के तेल की कीमतों में 30 से 35 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई.
आलू-प्याज की कीमतें आसमान पर पहुंचने के बाद खाने के तेल की कीमतों में भी लगी आग, जानें वजह
— Zee Business (@ZeeBusiness) November 20, 2020
लाइव देखिए>>https://t.co/8ar8NVzELi#CookingOil @Daanish_Anand pic.twitter.com/kzID2nwn9p
TRENDING NOW
देश मे लगभग 65 फीसदी तेल इम्पोर्ट किया जाता है. इम्पोर्ट के लिए मलेशिया अर्जेंटीना जैसे देशों पर निर्भर हैं. इसी कारण नवरात्रि से ही दाम में इजाफा होना शुरू हो गया है.
यही नहीं सरकार ने अक्तूबर के थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति (WPI) के आंकड़े जारी किए हैं. आंकड़ों के मुताबिक थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अक्तूबर में लगातार तीसरे महीने बढ़कर 1.48 फीसदी रही, जो सितंबर में 1.32 फीसदी थी. इसके साथ ही थोक महंगाई दर पिछले 8 महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. फरवरी के बाद यह थोक मुद्रास्फीति का सबसे ऊंचा आंकड़ा है.
अगस्त में यह आंकड़ा 0.16 फीसदी था, जुलाई में नकारात्मक 0.58 फीसदी और जून में यह नकारात्मक 1.81 फीसदी था. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार अक्तूबर में खाद्य वस्तुओं के दाम घटे, जबकि इस दौरान विनिर्मित उत्पाद महंगे हुए। अक्तूबर में खाद्य मुद्रास्फीति घटकर 6.37 फीसदी रह गई. सितंबर में यह 8.17 फीसदी के स्तर पर थी.
05:40 PM IST